राम राम सा,

घणा घणा राम राम अबं आपां करस्यां आपणी भाषा मैं बातां राजस्थानी मैं कविता लिखो और बढाओ राजस्थानरो नाम !!

Wednesday, April 22, 2009



No comments:

Post a Comment

म्हारे तो थारी टिपण्णी बिन्या अड़ी पड़ी है , अबं अडिको कीने हो लिखद्यो हुवा !!! हाँ इंया!! मोकळा मोकळा लाड कोड !!